देवालय या शौचालय
देवालय बनाये जाने के पक्ष में बोलने वाले पहले ये बताएं कि देवालय क्यों होने चाहिए ,..उनका क्या उपयोग है ?.जो देवालय के पक्ष में है वो जातिवाद धर्मवाद ,साम्प्रदायिकता को बढावा देना चाहते है ? देवालय होने से आम जनता को क्या फायदा है …….?उल्टा जितने भी सार्वजानिक मंदिर ,पूजाघर बने हुए है उन्हें बंद कर देना चाहिए जिनके दिल में इश्वर के प्रति आस्था है उन्हें मंदिर जाने की क्या जरूरत है ? जिनको मंदिर चाहिए वो अपने घर के कोने में क्यों नहीं एक मिटटी की मूर्ती स्थापित कर लेते ? इश्वर की भक्ति मंदिर जाने में नहीं है ,किसी असहाय जरूरतमंद की मदद करने में है .!मदिरो में लोग चन्द देंगे ,पर किसी भूखे को रोटी नहीं देंगे ….मंदिरों में अपार धन अनुपयोगी पड़ा है जिसका उपयोग जरुरत मंदों के लिए किया जा सकता है ,विकास में दिया जा सकता है …..पर नहीं वो तो भगवान को सोने का मुकुट पहनाने के काम आएगा …वो किसी गरीब को वो क्या ख़ुशी देगा?
कम से कम शौचालय शहर की सफाई व्यवस्था के साथ साथ राहगीरों के लिए त्वरित सुविधा तो उपलब्ध तो कराता है …कितने लोग आज भी बेघर सडको के किनारे आपनी रातें गुजारते है …सार्वजानिक शौचालय उनके काम तो आयेंगे
किसकी जरुरत है ?
देवालय बनाये जाने के पक्ष में बोलने वाले पहले ये बताएं कि देवालय क्यों होने चाहिए ,..उनका क्या उपयोग है ?.जो देवालय के पक्ष में है वो जातिवाद धर्मवाद ,साम्प्रदायिकता को बढावा देना चाहते है ? देवालय होने से आम जनता को क्या फायदा है …….?
उल्टा जितने भी सार्वजानिक मंदिर ,पूजाघर बने हुए है उन्हें बंद कर देना चाहिए जिनके दिल में इश्वर के प्रति आस्था है उन्हें मंदिर जाने की क्या जरूरत है ? जिनको मंदिर चाहिए वो अपने घर के कोने में क्यों नहीं एक मिटटी की मूर्ती स्थापित कर लेते ? इश्वर की भक्ति मंदिर जाने में नहीं है ,किसी असहाय जरूरतमंद की मदद करने में है .!मदिरो में लोग चन्दा देंगे ,पर किसी भूखे को रोटी नहीं देंगे ….
मंदिरों में अपार धन अनुपयोगी पड़ा है जिसका उपयोग जरुरत मंदों के लिए किया जा सकता है ,विकास में दिया जा सकता है …..पर नहीं वो तो भगवान को सोने का मुकुट पहनाने के काम आएगा …वो किसी गरीब को वो क्या ख़ुशी देगा?
कम से कम शौचालय शहर की सफाई व्यवस्था के साथ साथ राहगीरों के लिए त्वरित सुविधा तो उपलब्ध कराता है …कितने लोग आज भी बेघर सडको के किनारे अपनी रातें गुजारते है …सार्वजानिक शौचालय उनके काम तो आयेंगे
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